Haryana Static GK - Hisar District

हिसार, हरियाणा का एक प्रमुख शहर है। यह ऐतिहासिक (फिरोज शाह पैलेस), कृषि (कपास उत्पादन), और शैक्षिक (एचएयू, जीजेयूएसटी) केंद्र है। जिंदल स्टेनलेस स्टील और कनेक्टिविटी (रेल, सड़क) इसे औद्योगिक और प्रशासनिक रूप से महत्वपूर्ण बनाते हैं। हरियाणवी संस्कृति और त्योहार इसकी पहचान हैं।

Haryana Static GK - Hisar District

HSSC CET की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े:

राज्य में स्थितिराज्य के पश्चिम दिशा में
स्थापना वर्ष1 नवम्बर 1966
जिले का मुख्यालयहिसार शहर में
जिले का क्षेत्रफल3983 वर्ग किलोमीटर
जिले के मंडल1 -  हिसार
जिले की तहसील6 – हांसी, हिसार, नारनौंद, मंडी आदमपुर, बास, बरवाला
जिले में खण्ड 9 – हिसार 1, हिसार 2, हांसी 1, हांसी 2, बरवाला, आदमपुर, नारनौंद, अग्रोहा, उकलाना
विधानसभा आरक्षित सीटउकलाना
जिले की जनसँख्या 1743931 (2011 के आंकड़ो के अनुसार)
जिले की साक्षरता दर73.2% (2011 के आंकड़ो के अनुसार)
जिले का लिंगानुपात 887/1000 (2011 के आंकड़ो के अनुसार)
जिले का जनसँख्या घनत्व438 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर

नाम, उपनाम और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

  • हिसार (फारसी में अर्थ दुर्ग है) की स्थापना प्राचीन समय में फिरोजशाह तुगलक द्वारा की गयी थी जिस कारण इसका  प्राचीन नाम हिसार – ए – फिरोजा, इसुयार था.
  • हिसार के उपनाम स्टील सिटी, मैगनेट सिटी, इस्पात नगरी, लाला लाजपत राय की कर्मभूमि आदि है.
  • 1966 में हरियाणा के जन्म के समय सबसे बड़ा जिला हिसार था.
  • 1354 में हिसार की स्थापना के समय इसमें फिरोजशाह तुगलक द्वारा एक दुर्ग बनवाया गया जिसेक चार दरवाजे थे, जो आज भी नागोरी गेट, मोरी गेट, दिल्ली गेट तलाकी गेट के नाम से प्रचलित है.
सीसवाल सभ्यता: इतिहास के प्रोफेसर डॉ. सूरजभान द्वारा 1968 में खोजी गयी. यहाँ ताम्बे के औजार मिले है. यह सभ्यता मुखयतः कृषक सभ्यता थी जिसमे मिले बर्तन राजस्थान की कालीबंगा सभ्यता से मेल खाते है. यहाँ नीग्रो ऑस्ट्रेलियन जाती का निवास था.

राखीगढ़ी: हिसार में प्राचीन समय की चोटांग द्र्स्दवती नदी के किनारे स्थित 224 हेक्टेयर में फैला भारत का सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल है. जो अमरेन्द्र नाथ द्वारा 1997 में खोजा गया. 
  • हकरा वेयर के मोटे अवशेषों से संकेत मिलता है कि यह स्थल 2500-3000 ईसा पूर्व या उससे पहले का हो सकता है। 
  • 1963 में इसकी प्रथम खुदाई हुई थी. पुरातत्व विभाग को यहाँ से लगभग 5000 वर्ष पुरानी जल निकासी प्रणाली, बारिश का पानी इकठ्ठा करने का स्थान, कांस्य समेत कई धातुओ की वस्तुए, गेंहू, जौ, चावल के साक्ष्य और चित्रों के मृद्भांड मिले है. 
  • मई 2012 में इसे विश्व विरासत कोष द्वारा एशिया के खतरे (लुप्तप्राय) के विरासत स्थलों में शामिल किया गया. यह स्थल अब सूख चुकी सरस्वती नदी के किनारे स्थित है और हड़प्पा व मोहनजोदड़ो के समकक्ष है
अग्रोहा: इसे 1 ईंट 1 रुपया के नारे पर बसाया गया था. यहाँ से संगीत के 7 स्वर व प्राचीन टक्साले मिली है. यहाँ भगवान सूर्यदेव की मूर्ती मिली है. 
  • यहाँ खुदाई से तीसरी-चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 13वीं-14वीं शताब्दी ईस्वी तक की प्राचीन ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएं मिली है जैसे कि रक्षा दीवार, मंदिर कक्ष. यहां देखे गए आवासीय घर आयताकार हैं, जिनका पूरब-पश्चिम दिशा में झुकाव है. 
  • खुदाई के दौरान लगभग सात हजार पुरावशेष बरामद किए गए हैं, इनमें पत्थर की मूर्तियां, टेराकोटा सीलिंग, लोहे और तांबे के औजार, अर्ध-कीमती पत्थर के मोती, शंख, कांच और टेरी कोटा शामिल हैं. यहाँ से टेराकोटा वस्तुओं के अलावा कई सिक्के और मूर्तियां भी मिली हैं.

हिसार से प्रसिद्ध व्यक्ति:

लाला लाजपत राय: हिसार इनका राजनेतिक कार्यक्षेत्र था जहाँ इन्होने 11 साल वकालत की.
  • हिसार में इन्होने 1887 में कांग्रेस की पहली शाखा खोली, 1888 में कांग्रेस के इलाहबाद अधिवेशन में हिसार से कांग्रेस के प्रतिनिधी बनकर गए थे.
  • 1886 में हिसार में आर्य समाज की स्थापना की, और हिसार में आर्य समाज मंदिर का निर्माण नागोरी गेट के पास करवाया.
मल्लिका शेरावत: हिसार के मोठ गाँव में रीमा लाम्बा के नाम से मुकेश कुमार लाम्बा के घर में जन्मी थी. दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस से फिलोसफी में डिग्री हासिल की.

यशपाल शर्मा: लगान और गंगाजल जैसी सुपरहिट फिल्मो में काम कर चुके है. 2022 में इन्होने दादा लखमी फिल्म के लिए 68वां राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड जीता. हरियाणवी कवि पंडित लखमी चंद पर बनी बायोपिक के लेखक और निर्देशक भी यही थे.

पंडित जसराज: 28 जनवरी 1930 को पीली मंदौरी (अब फतेहाबाद में है) में पंडित मोतीराम के घर जन्मे, 17 अगस्त 2020 को मृत्यु हुई. मेवाती घराने से सम्बंधित थे. इन्हें अनेको पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था जैसे - 
  • पद्म श्री पुरस्कार (1975), 
  • संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1987), 
  • पद्म भूषण (1990), 
  • पद्म विभूषण (2000), 
  • स्वाति संगीता पुरस्कार (2008), 
  • संगीत नाटक अकादमी फ़ेलोशिप (2010), 
  • पु ला देशपांडे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2012), 
  • भारत रत्न भीमसेन जोशी शास्त्रीय संगीत लाइफ अचीवमेंट अवार्ड (2013), 
  • लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए सुमित्रा चरत राम पुरस्कार (2014), 
  • मारवाड़ संगीत रत्न पुरस्कार (2014), 
  • गंगूबाई हंगल लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2016), 
  • 2006 में माउंट लेमन सर्वे के साथ खगोलविदों द्वारा खोजे गए क्षुद्रग्रह 300128 का नाम पंडित जसराज के सम्मान में रखा गया था जिसे 27 अगस्त 2019 को माइनर प्लैनेट सेंटर द्वारा प्रकाशित किया गया, 
  • अन्य पुरस्कार: संगीत कला रत्न, मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार, महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार.

मास्टर चन्दगीराम: 
ये सिसाय के पहलवान थे, जिनको भारत केसरी और हिन्द केसरी जैसी उपाधि दी गयी थी.

ओम प्रकाश जिंदल: इन्हें स्टील किंग भी कहा जाता है. 7 अगस्त 1930 को हिसार के नलवा में जन्मे और 31 मार्च 2005 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मृत्यु हुई. 
  • 1991 में हरियाणा विकास पार्टी से हिसार से इलेक्शन जीत कर MLA बने. वर्ष 2000 और 2005 में भी ये भिन्न भिन्न पार्टियों से विधानसभा इलेक्शन जीते. 1996 में इन्होने कुरुक्षेत्र सीट से लोकसभा का इलेक्शन जीता 
  • वर्ष 2005 में हरियाणा सरकार में उर्जा मंत्री रहे
  • 22 वर्ष की उम्र में 1952 में हावड़ा में पाइप फैक्ट्री स्थापित की
  • नवम्बर 2004 में बंगाल चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स द्वारा इन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया
  • The Man Who Talked to Machines: The Story of Om Prakash Jindal के नाम से इनकी जीवनी 7 अगस्त 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लांच की गयी

महल, किले और पर्यटन स्थल:

  • गूजरी महल: 1356 में फिरोजशाह तुगलक द्वारा अपनी प्रेमिका गूजरी की याद में बनवाया. यह दिल्ली सल्तनत की सबसे सुन्दर ईमारत था. इसमें काला पत्थर इस्तेमाल किया गया था.
  • हांसी का किला: हिन्दू शासक पृथ्वी राज चौहान द्वारा 12वीं शताब्दी में बनवाया. बाद में राजा अनंगपाल के पुत्र द्रुपद द्वारा इसमें तलवार निर्माण कारखाना लगाने के कारण इसे तलवारों का किला भी कहा जाने लगा. 
    • इसे बारादरी भी कहा जाता है. हांसी में स्थित इस किले से कुछ समय पहले जैन तीर्थंकरों की 57 कांस्य प्रतिमाएं बरामद हुई थीं.
  • जहाज कोठी: अलग-थलग स्थिति के कारण समुद्र में एक जहाज की तरह दिखने वाले इस स्मारक का निर्माण जॉर्ज थॉमस ने अपने निवास के लिए करवाया था. अब यह स्मारक संरक्षित श्रेणी में है.
  • प्राचीन गुम्बद: हिसार के राजकीय कॉलेज परिसर में राज्य संरक्षित यह स्मारक महान सूफी संत प्राणपीर बादशाह (14वीं शताब्दी) का मकबरा है, जो शेर बहलोल (दाना शेर) के आध्यात्मिक गुरु थे. 
    • प्राणपीर ने भविष्यवाणी की थी कि ग़यासुद्दीन तुगलक दिल्ली का राजा बनेगा.
  • दरगाह चार कुतुब: हांसी शहर के पश्चिम में स्मारकों का समूह है जिसके मकबरे परिसर को चार-कुतुब के नाम से जाना जाता है; जमाल-उद-दीन (1187-1261 ई.) बुरहान-उद-दीन (1261-1300 ई.) कुतुब-उद-दीन मनुवर (1300-1303 ई.) और नूर-उद-दीन (1325-1397 ई.) प्रसिद्ध सूफी संत थे जिन्हें कुतुब के नाम से जाना जाता था. 
    • मकबरा एक छोटी मस्जिद से जुड़ा है. ऐसा कहा जाता है कि यह उस स्थान पर बनाया गया है जहाँ बाबा फ़रीद ध्यान करते थे और प्रार्थना करते थे. 
    • इसकी सबसे शानदार इमारतों में से एक उत्तरी घेरे में स्थित बड़ी मस्जिद का निर्माण फिरोज शाह तुगलक ने करवाया था. परिसर में अन्य महत्वपूर्ण स्मारकों में मीर तिजारा का मकबरा है जो हांसी के सुल्तान हामिद-उद-दीन का मुख्य आपूर्तिकर्ता (ताजरा) था. 
    • परिसर में अन्य स्मारकों में बेगम स्किनर की जुड़वां कब्रें, चार छतरियाँ हैं जिन्हें चार दीवान और एक दीवान के नाम से जाना जाता है.
  • ब्लू बर्ड झील: NH9 पर हिसार हवाई अड्डे के पास स्थित है, जो लगभग 20 एकड़ में फैली है. इसे हिसार कृषि परियोजना के तहत हरियाणा वन विभाग द्वारा बनाया गया था. 2016 में H5N8 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस से मछलियों की मौत के कारण चर्चा में थी.
  • ब्लैक बर्ड झील: यह हांसी में स्थित है.
  • हिरन पार्क: हिसार - धनसू रोड पर 19 हेक्टेयर में फैला है.
  • शतावर वाटिका हर्बल पार्क: हिसार - धनसू रोड पर स्थित है जो 125 एकड़ में फैला है.

परियोजनाएं:

राजीव गांधी तापीय जलविद्युत परियोजना: बरवाला के पास खेदड़ गांव में स्थित है जिसे रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा बनवाया गया था. 
  • इसमे कुल 1200 मेगावाट क्षमता है (प्रथम चरण की 600 मेगावाट यूनिट मार्च 2010 में और दुसरे चरण की 600 मेगावाट यूनिट अक्टूबर 2010 में स्थापित).
  • कोयला आधारित इस बिजली संयंत्र का सञ्चालन हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड HPGCL द्वारा किया जा रहा है.

मंदिर, मेले व अन्य सांस्कृतिक विरासत:

  • गोगा नवमी मेला: गोगा पीर की याद में भाद्रपद माह की नवमी को लगता है; दादी गौरी की पूजा होता है; रोह्नात, बाडया व डाया आदि गांवो में मेला लगता है. 
  • अग्रसेन जयंती मेला:3 दिन तक चलने वाला यह मेला महाराजा अग्रसेन की याद में अग्रोहा में मार्च-अप्रैल में लगता है; 
  • शिवजी का मेला: हिसार के किरमारा और सीसवाल गांवो में फाल्गुन के महीने में लगता है.
  • देवी भवन मंदिर: 1770 में पटियाला के महाराज द्वारा स्थापित किया गया जो माँ दुर्गा को समर्पित है.
  • बिश्नोई मंदिर: 
  • जैन मंदिर: हांसी में स्थित है

विश्वविद्यालय / शिक्षा / खेल:

गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी: 15वीं शताब्दी के पर्यावरणविद गुरु जम्भेश्वर जी के नाम पर 20 अक्टूबर 1995 को हिसार में हरियाणा सरकार द्वारा स्थापित की गयी. 1 नवम्बर 1995 को उद्घाटन किया गया. 372 एकड़ में फैली हुई है.
  • वर्तमान में उपकुलपति - प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई
  • 2021 में NIRF Overall की रैंकिंग में 101-150 बैंड में शामिल. NIRF यूनिवर्सिटीज़ रैंकिंग में 88 वें नम्बर पर शामिल और फार्मेसी में 27वें नम्बर पर.
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय: लगभग 8645 एकड़ भूमि विस्तार के साथ एशिया की सबसे बड़ी कृषि विश्वविद्यालय है. 30 अक्टूबर 1991 से पहले इसका नाम हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय था. भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान द्वारा 1997 में CCSHAU को सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में पुरस्कृत किया.
  • स्थापना - 2 फ़रवरी 1970, पहले उपकुलपति Anthony Leocadia Fletcher द्वारा
  • वर्तमान में उपकुलपति - डॉ. बी आर कम्बोज
  • CCSHAU के 2 रिसर्च सेन्टर कैथल के कौल और रेवाड़ी के बवाल में संचालित है
  • CCSHAU के 8 कृषि विज्ञान केंद्र है जो देवीगढ़ (कैथल), कुरूक्षेत्र, भोपानी (फरीदाबाद), जगदीसपुर (सोनीपत), सादलपुर (हिसार), जींद, उझा (पानीपत) और दामला (यमुनानगर) में संचालित है
  • CCSHAU के 12 कृषि ज्ञान केंद्र करनाल, रोहतक, जींद, अंबाला, सिरसा, गुड़गांव, सोनीपत, भिवानी, पंचकुला, पलवल (फरीदाबाद), हिसार और महेंद्रगढ़ में संचालित है
  • CCSHAU की रोहतक, अंबाला, सिरसा, जींद, गुड़गांव और करनाल में 6 रोग जांच प्रयोगशालाएं है
महावीर स्टेडियम: वर्ष 1972 में नेहरु स्टेडियम के नाम से स्थापित हुआ. इसमें 25000 दर्शकों की क्षमता है जो की हरियाणा में दूसरे नम्बर पर है. 1987 में इसका नाम महावीर स्टेडियम रखा गया जो अब लगभग 14 एकड़ में फैला हुआ है.
  • इस स्टेडियम ने 2003 में दूसरी एशियाई महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप और 2004 में 51वीं राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप की मेजबानी की।
  • 2008 में 22वें हरियाणा राज्य महिला खेल महोत्सव की और मई 2014 में हरियाणा राज्य मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप की भी मेजबानी की।
हिसार इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम: लगभग 76 एकड़ भूमि पर धन्दूर गाँव के पास प्रस्तावित है.

हिसार जिले से सम्बंधित और अधिक सामान्य जानकारियाँ जल्दी ही इस पेज पर जोड़ी जायेंगी। पेज पर विजिट करते रहें और अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करे।

Post a Comment

What are your thoughts on this? We'd love to hear from you !