Haryana Static GK - Ambala District

अम्बाला, हरियाणा का ऐतिहासिक जिला, 14वीं सदी में अम्बा राजपूत द्वारा स्थापित, मौर्य और कुशान साम्राज्यों का हिस्सा रहा। सिख गुरुओं के दर्शन स्थल, मां भवानी मंदिर और वैज्ञानिक उपकरण निर्माण के लिए प्रसिद्ध यह जिला समृद्ध संस्कृति और इतिहास को दर्शाता है।

Haryana Static GK - Ambala District

HSSC CET की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े:

राज्य में स्थिति राज्य के उत्तर दिशा में
स्थापना वर्ष 1 नवम्बर 1966
जिले का मुख्यालय अम्बाला  शहर में
जिले का क्षेत्रफल 1576 वर्ग किलोमीटर
जिले के मंडल 1 -  अम्बाला
जिले की तहसील 7 – अम्बाला, अम्बाला कैंट, साहा, मुलाना, बराडा, शहजादपुर, नारायणगढ़
जिले में खण्ड  4 – साहा, बराडा, शहजादपुर, नारायणगढ़
विधानसभा आरक्षित सीट मुलाना
जिले की जनसँख्या  11,28,350 (2011 के आंकड़ो के अनुसार)
जिले की साक्षरता दर 82.9% (2011 के आंकड़ो के अनुसार)
जिले का लिंगानुपात  885/1000 (2011 के आंकड़ो के अनुसार)
जिले का जनसँख्या घनत्व 717 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर

नाम, उपनाम और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

  • आमों की अधिकता के कारण व महाभारत की अम्बालिका के नाम पर इस शहर को अम्बाला कहा जाता है. डिस्ट्रिक्ट गज़टीयर ने अम्बाला की स्थापना 14वीं शताब्दी में अम्बा राजपूत द्वारा की हुई मानी है. अम्बा भवानी देवी के मंदिर के नाम से भी अम्बाला का नामकरण माना जाता है.
  • अम्बाला को मिक्सी सिटी, वैज्ञानिक सिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के उपनाम से जाना जाता है.

अम्बाला - प्रसिद्ध व्यक्ति:

नायब सिंह सैनी: अम्बाला के मिर्जापुर माजरा गाँव में 25 जनवरी1970 को जन्मे, हरियाणा के 11वें CM (12 मार्च 2024 से) है. 8 अक्टूबर 2024 को लाडवा सीट से विधानसभा चुनाव जीतकर पुन: मुख्यमंत्री बने है. कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद (2019 से 2024) रहे है. नारायणगढ़ सीट से विधायक (2014 से 2019) रहे है. राज्य मंत्री (2015 से 2019) रहे है.

सुषमा स्वराज: 14 फ़रवरी 1952 को अम्बाला कैंट में जन्मी. 6 अगस्त 2019 को नई दिल्ली में मृत्यु. वर्ष 2020 में इन्हें मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. 1998 में दिल्ली की 5वीं मुख्यमंत्री बनी. इनके कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिक पद-
  • 29वीं केंद्रीय विदेश मंत्री - 26 May 2014 – 30 May 2019
  • 4वीं केंद्रीय प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री - 26 May 2014 – 7 January 2016
  • 11वीं लोकसभा में विपक्ष के नेता - 21 December 2009 – 19 May 2014
  • 19वीं केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री - 29 January 2003 – 22 May 2004
  • 29वीं केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री - 29 January 2003 – 22 May 2004
  • 21वीं केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री - 30 September 2000 – 29 January 2003

परिणीती चोपड़ा: 22 अक्टूबर 1987 को अम्बाला में जन्मी. 
  • 2011 में Ladies Vs Ricky Bahl से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुवात की. 
  • 2012 में Ishaqzaade के लिए इन्हें  National Film Award – Special Mention दिया गया. 

नवनीत कौर ढिल्लों: अम्बाला में जन्मी फ़िल्मी कलाकार है. इन्होने पॉन्ड्स फेमिना मिस इंडिया चंडीगढ़ 2013 और फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड 2013 के टाइटल जीते है. 

सुचेता कृपलानी: ब्रिटिश पंजाब के अम्बाला में 25 जून 1908 को जन्मी, 1 दिसम्बर 1974 को मृत्यु. 
  • उत्तर प्रदेश की 4th मुख्यमंत्री (2 October 1963 – 13 March 1967) रही.
  • लोकसभा संसद रही – 1967 से 1971
  • उत्तर प्रदेश की विधायक रही – 1962 से 1967
  • भारत की संविधान सभा के सदस्य रही - 9 December 1946 – 24 January 1950

ओमपुरी: 18 अक्टूबर 1950 को पंजाब के अम्बाला में जन्मे, 6 जनवरी 2017 को मृत्यु. 1990 में इन्हें पद्म श्री और 2004 में आर्डर ऑफ़ ब्रिटिश एम्पायर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वर्ष 1982 और 1984 में इन्हें बेस्ट एक्टर, 1981 में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर, 2009 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया.

अम्बाला - महल, किले और पर्यटन स्थल:

अम्बाला कैंट: वर्ष 1843 में स्थापित की गई थी जोकि वैज्ञानिक और शल्य चिकित्सा उपकरणों के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ आज़ादी से पहले स्थापित ऐतिहासिक कॉलेज - सनातन धर्म कॉलेज स्थित हैं.

महावीर उद्यान, इंदिरा उद्यान व किंगफ़िशर रिसोर्ट आदि स्थित है.

अम्बाला - परियोजनाएं:

अम्बाला - मंदिर, मेले व अन्य सांस्कृतिक विरासत:

गुरु गोविन्दपुरा साहिब गुरुद्वारा: सिक्खों के दसवें गुरु गुरु गोविन्द सिंह जी की याद में बनाया गया. एक पीर, अमीर दीन द्वारा चुनौती देने पर गुरु गोविन्द सिंह जी द्वारा एक बाज को मारने के लिए चिड़ियों का इस्तेमाल करने की घटना इस गुरुद्वारे से जुड़ी है. मान्यताओ के अनुसार यहाँ पर पुत्र प्राप्ति के लिए भी अरदास की जाती है.

सूरजकुंड गुरुद्वारा: अम्बाला के रामपुर शराशेरी में स्थित है. यह एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा है जहां गुरु गोबिंद सिंह जी दो महीने तक रुके थे।

गुरुद्वारा मंजी साहिब: इसका निर्माण छठे गुरु श्री हरगोबिंद जी के अम्बाला शहर की यात्रा (जहाँगीर से मिलने जाते समय) के दौरान किया गया. गुरु हरगोविंद जी द्वारा यहाँ एक बावली का निर्माण भी कराया गया था इसलिए इसे गुरुद्वारा बावली साहिब भी कहा जाता है. 1764 में सरहिंद की विजय के बाद सरदार मेहर सिंह ने बावली को साफ करवाया और गुरुद्वारा मंजी साहिब का निर्माण कराया. नाभा के महाराजा हीरा सिंह (1871-1911) ने 20वीं शताब्दी की शुरुआत में इसका पुनर्निर्माण किया.

अम्बिका देवी का मंदिर: द्वापर युग में पांडवों द्वारा अम्बा, अम्बिका और अम्बालिका की याद में माँ भवानी के इस मंदिर का निर्माण कराया था. 

माँ दुःख भांजनी मंदिर: अम्बाला शहर के बीच में एक बड़े तालाब के पास देवी काली को समर्पित मंदिर है. यह उत्तर भारत का एकमात्र मंदिर है जहाँ देवी काली को नवरात्री के तीसरे दिन दूध से स्नान कराया जाता है और यह दूध प्रसाद स्वरूप दिया जाता है. 

नौगजा पीर की दरगाह: यह दरगाह अम्बाला के शाहाबाद में NH-1 पर स्थित है. इसमें 9 गज लम्बी एक संत की मजार है. मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों के भक्त दरगाह पर घड़ियां चढ़ाते हैं. सुरक्षित यात्रा और दुर्घटनाओ से बचाव के लिए भी यहाँ मन्नत की जाती है. इस मजार की देखरेख रेडक्रॉस संस्था द्वारा की जाती है.

नागा बाबा पीर की दरगाह: अम्बाला कैंट के एयरफोर्स स्टेशन के अन्दर धुलकोट गाँव के पास स्थित है. यह दरगाह फ़रवरी के दुसरे रविवार को खोली जाती है. पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद सुरक्षा के मद्देनजर, रक्षा मंत्रालय की अनुमति से ही इसे खोला जाता है. लगभग 8 दशक पहले एक फ़क़ीर बाबा के साथ काला कुत्ता आने की घटना इसी माजर से जुडी है.

सैंट पॉल चर्च: सेंट पॉल कैथेड्रल चर्च के नाम से भी जाना जाता है जो उत्तर भारत का सबसे बड़ा चर्च है. इसे 19वीं शताब्दी में कैप्टेन जॉर्ज एटकिंसन द्वार ब्रिटिश सैनिकों और उनके परिवारों के लिए बनवाया गया था. यह चर्च 1965 के भारत-पाक युद्ध में क्षतिग्रस्त भी हो गया था.

वामन द्वादशी का मेला: भगवान विष्णु के वामन अवतार के सम्मान में अम्बाला के नौरंगराय तालाब के पास भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को आयोजित क्या जाता है. सनातन धर्म सभा द्वारा यह मेला 124 + वर्षों से आयोजित किया जा रहा है.

गोगा नवमी का मेला: अम्बाला में कृष्णा कॉलोनी स्थित प्राचीन गोगा मेड़ी मंदिर में भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की नवमी को आयोजित किया जाता है.

सावन में तीज का मेला आयोजित होता है.

अम्बाला - विश्वविद्यालय / शिक्षा / खेल:

महर्षि मारकंडेश्वर विश्वविद्यालय: 1993 में अम्बाला के मुलाना में स्थापित निजी डीम्ड यूनिवर्सिटी है. यह यूनिवर्सिटी NIRF की वर्ष 2004 की रैंकिंग में 71 वें स्थान पर रही.

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